दोस्तों आज हम अपने देश के गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य मे विधालय मे मनाने वाले
उत्सव मे भाषण के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे | अगर आप के पास निचे दिए गए
भाषण के अलावा आपका खुद के दुवारा तेयार किया गया | भाषण है तो आप के नाम व फोटो
सहित (अगर आप चाहे तो ) हम हमारे ब्लॉग पर प्रकाशित करेंगे | (ध्यान रहे कहीं अन्य
वेबसाइट से कॉपी न किया हो )
तो चलिए अब आपका ज्यादा समय खराब ना करते हुए मै अपनी इस Republic day speech for students को शुरू करते है|
यह जो देशभक्ति भाषण है अगर आपको पसन्द आये तो
इसको आप अपने सभी दोस्तों और परिवार वालो के साथ फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प
और गूगल+ पर शेयर जरुर करें और उनको 26 जनवरी की शुभकामनाए दे.
कुछ सदस्यों ने हमे ये भाषण भेजे है |
गणतंत्र दिवस भाषण - 1
सभी को सुबह का नमस्कार। आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापकगण और मेरे प्यारे भाई बहिनों , आज हम सब यहाँ गणतंत्र
दिवस मनाने के लिए यंहा एकत्रित हुए हैं| मेरा नाम दिलीप बागड़ी है
और मैं कक्षा 9 में पढ़ता हूं।
मैं आप सबके सामने गणतंत्र दिवस पर भाषण पढ़ना चाहता हूं। सबसे पहले मैं अपने
क्लास टीचर का धन्यवाद देना चाहूंगा जिनकी वजह से मुझे अपने स्कूल के इस मंच पर
गणतंत्र दिवस के इस महान अवसर पर मेरे प्यारे देश के बारे में कुछ कहने का सुनहरा
मौका प्राप्त हुआ।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो के राज से हिंदुस्तान को स्वतंत्रता प्राप्त हुई जिसे हम स्वतंत्रता
दिवस के रुप में मनाते हैं। हर वर्ष की भाती हम 26 जनवरी को
गणतंत्र दिवस मनाते हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ,
और हम इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप
में मनाते हैं। इस वर्ष, हम भारत का 69.वां गणतंत्र दिवस मना
रहें हैं।
गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले
प्रत्येक देशवासी की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में राष्ट्र के नेतृत्व के लिये
राजनीतिक नेता के रुप में अपने प्रतिनीधि चुनने के लिये केवल जनता के पास अधिकार
है। इसलिये, भारत को है जहाँ जनता अपना नेता प्रधानमंत्री के रुप में
चुनती है। भारत में आजादी लाने के लिए हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने
बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी जिससे उनके आने वाली पीढ़ी
को कोई संघर्ष न करना पड़े और वो देश को आगे लेकर जाएँ।
हमारे देश के
महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई
पटेल, भगत सिंह, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए
इन्होने अंग्रेजों के खिलाफ़ लगातार लड़ाई की। अपने देश के लिये हम इनके समर्पण को
कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुये सलामी देनी
चाहिये। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं
और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।
डॉ
राजेन्द्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे। 1947 में ब्रिटिश शासन से जब से हमने स्वतंत्रता प्राप्त की है, हमारे देश ने बहुत विकास किया है और ताकतवर देशों में गिना
जाने लगा है। विकास के साथ, कुछ कमियाँ
भी खड़ी हुई हैं जैसे असमानता, गरीबी, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा आदि। अपने देश को विश्व का एक बेहतरीन देश बनाने के
लिये समाज में ऐसे समस्याओं को सुलझाने के लिये हमें आज प्रतिज्ञा लेने की जरुरत
है।
डॉ अब्दुल कलाम
ने कहा है कि “अगर एक देश भ्रष्ट्राचार मुक्त होता है और सुंदर मस्तिष्क का एक
राष्ट्र बनता है, मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि तीन प्रधान सदस्य हैं जो अंतर पैदा
कर सकते हैं। वो पिता, माता और एक गुरु हैं”। भारत के एक
नागरिक के रुप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिये और अपने देश को आगे
बढ़ाने के लिये सभी मुमकिन प्रयास करना चाहिये।
धन्यवाद, जय हिन्द। जय भारत |
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